संजीव भाई जोहार !
आपके सुझाव रूपी आदेश के अनुपालन का प्रयत्न कर रहा हूँ, कुछ तकनीकी अड़चन भी आ रही हैं अतएव जो यथाशीघ्र संभव हो सका है, आप तक पहुँचाने का प्रयास है। हाँ आप चिंता करते रहेंगे तो परिमार्जित होता रहेगा.मेरे पूर्व के जिज्ञासाओं का उत्तर नहीं मिला है.....ईश्वर आपके भागीरथी प्रयास के लिए साधन और साध्य उपलब्ध कराएँ, यही कामना है.!
आपका,समीर.....
मंगलवार, 26 अगस्त 2008
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